मौलिक अधिकार
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
- मौलिक अधिकार का उदभव 19वी शताब्दी में हुआ था।
- औस्टिन के अनुसार मौलिक अधिकारो के अवधारणा 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थापना के समय से ही आ गयी थी।
- मौलिक अधिकार की मांग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने प्रस्तावों में भी शामिल किया विषेशकर , 1917 एवं 1919 के विभिन्न विधेयक एवं समिति रिपोर्ट में यह शामिल किया गया।
- 1925 में ऐनी बेसेन्ट द्वारा भारत के लिया राष्ट्रमंडल विधेयक का मसविदा तैयार किया गया था, 1928 में नेहरू रिपोर्ट , 1945 में सप्रू रिपोढ तथा मौलिक आधिकारो से संबंधित संविधान सभा की उप - समितियों भी बनायी गयी थी।
1925 का भारतीय राष्ट्र मंडल विधेयक
- राष्ट्रमंडल विधेयक ने भारतीयों के लिए सात मौलिक अधिकारो की माँग की।
- इस आधिकारो में शामिल है:- व्यक्तिगत स्वतंत्रता , विवेक की आज़ादी , बात करने की आज़ादी , एकत्रित होने की स्ववतंत्रा तथा कानून के समक्ष समानता इस विधेयक में प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त रखने का भी प्रावधान था , मार्ग का समान रूप से प्रयोग करना , न्याय का प्रावधान एवं व्यवसाय करने के स्थान के लिए समान व्यवस्था करने का भी प्रावधान था।
1928 की नेहरू रिपोर्ट
- कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित किया,जिसमे एक समिति के गठन का प्रावधान था। यह समिति मद्रास में आयोजित वार्षिक सत्र में गठित की गई थी जिसका उद्देश्य था "भारत के लिया स्वराज संविधान " का मसौदा तैयार करना।
- इस मसौदे का मूल उदेश्य था आधिकारो की घोसण करना।
- इस समिति का नाम था नेहरू समिति , जिसके अध्यक्ष थे मोतीलाल नेहरू।
- नेहरू रिपोर्ट ने मौलिक आधिकारो को प्राप्त करने की जरूरत को रेखांकित किया जो की औपनिविशिक शासन ने उन्हें देने से मना कर दिया था।
- वास्तव में नेहरू रिपोर्ट में राष्ट्रमंडल विधेयक में शामिल आधिकारो की ही पुनरावृति थी
1945 की सप्रू रिपोर्ट
- सप्रू समिति का कार्य था भारत के भविष्य की लिए संविधान निर्माण के कार्य को गति प्रदान करना।
- इस समिति में 30 सदस्य थे इसका नाम सप्रू समिति रखा गया था क्योकि इसके अध्यक्ष तेज बहादुर सप्रू थर जो की एक वकील थे।
- यह रिपोर्ट 1945 में प्रकाशित हुई थी। सप्रू समिति ने आधिकारो संबंधित दो सुझावों की वकालत की थी।
- न्यायोचित एवं गैर - नियायोच अधिकारियों के बिच अंतर् बताना।
- अल्पसंख्यको के आधिकारो की रक्षा होनी चाहिए।
मौलिक आधिकारो पर उप - समिति
- मौलिक आधिकारो , अल्पसंख्यों की अधिकारों एवं जनजातीय आधिकारो के ऊपर अपने सुझवा प्रस्तुत करने के लिए एक समिति का गठन की गया था। जिसके अध्यक्ष सरदार वल्वभ भाई पटेल थे।
- इस समिति को विभिन उप - समिति में विभाजित किया गया था। इनमे से एक उप - समिति मौलिक आधिकारो पर भी थी जिसके अध्यक्ष जे. बी. कृपलानी थे।
भारत के 6 प्रमुख अधिकार
समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 -18 )
- कानून के समक्ष समानता (अनु. 14 )
- धर्म , जाती ,लिंग या जन्म स्थान के आधार पर राज्य द्वारा भेदभाव करने का निषेध ;(अनु. 15 )
- सार्वजानिक नियुक्तियों के मामले के अवसरों की समानता (अनु. 16 )
- अस्पृश्यता का उन्नमूलन (अनु. 17 )
- सैनिक और शैक्षिक उपाधियों के अलावा अन्य उपाधियों का अंत ;(अनु. 18 )
स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 -22 )
- वाक् - स्वतन्त्रता आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण (वाक् - स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति स्वतन्त्रता का शांतिपूर्वक और निरायुध सम्मेलन का , संगम या संघ बनाने का , भारत के राज्य क्षेत्र में सर्वत्र अबाध संचरण का आवर उसके किसी भाग में निवास करने और बस जाने का। ) (अनु.19 )
- अपराधो के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण (अनु. 20 )
- प्राण एवं दैहिक स्वतन्त्रा का संरक्षण (अनु. 21 )
- शिक्षा का अधिकार (अनु. 21 क ) (86 वे संविधान संशोधन ,2002 )
- बंदीकरण की अवस्था में संरक्षण (अनु. 22 )
शोषण के विरुद्ध आधिकार (अनु. 23 -24 )
- मानव के व्यापर और बंधुआ मजदूरी का निषेध .(अनु. 23 )
- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को उद्योगो , खानो और जोख़िम भरे कार्यो में लगाने का निषेध। (अनु. 24 )
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनु 25 -28 )
- अन्तःकरण की अवतंत्रता और धर्म को प्रदर्शित करने, आचरण और उसका प्रचार करने का अधिकार। (अनु 25 )
- धार्मिक क्रियाकलापों के प्रबंधन के स्वतंत्रता। (अनु। 26 )
- किसी धर्म विशेष के बढ़ावे के लिए चंदा देने या न देने की स्वतंत्रता। (अनु 27 )
- शिक्षण संस्थाओ में पूजा के धार्मिक अनुदेशों से उपस्थित की मुक्ति। (अनु 28 )_
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकारी
(अनु 29 -30 )
- अल्पसंखयो की भाषा , लिपि या संस्कृति की रक्षा (अनु 29 )
- अल्पसंख्यको द्वारा शैक्षिक संस्थाएँ स्थापित करने और उनेह संचालित करने का अधिकार तथा राज्य द्वारा स्थापित या राज्य कोष द्वारा सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्था में प्रवेश पाने पर मनाही का निषेध। (अनु 30 )
संवैधानिक उपचारो का अधिकार
- अनुच्छेद के अनुसार भारतीय संविधान मौलिक आदिकारो के लागु कराने समुचित कार्यवाही द्वारा देश के सर्वोच्च न्यायालय का द्वार खटखटाने के ाअधिकार की गेरंटी देता है।
मुलभूत आधार सिद्धांत
- मुलभुत आधार सिद्धांत के अनुसार संसंद किसी भी संशोधन के मुलभुत ढांचे को नहीं बदल सकती।
- यह सिद्धांत 1973 में सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय की बाद आसितत्व में आया था।
- 39 वे संविधान संशोधन को भी हटा दिया गया जिसमे यह कहा गया की राष्ट्रपति , उप- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ट्ज लोक सभा अध्यक्ष के चुनाव को न्यायिक समीक्षा की परिधि से दूर रखा जाय .
मौलिक अधिकारों पर उचित प्रतिबंध
- भारतीय संविधान ने सभी नागरिकों को सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने का प्रावधान किया है
- राज्य देश की सुरक्षा , एकता एवं संप्रभुता बनाये रखने के लिए स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रतिबंध लगा सकता है।
- शन्ति व्यवस्था कायम करने के लिए कर्फुयु लगाया जा सकता है।
- अनुच्छेद 33 के अंतगर्त संसद को यह अधिकार दिया गया है की वह सुरक्षा बलो ,सेना एवं पुलिस के मौलिक आधिकारो पर भी प्रतिबंध लाग सकती है।
- अनुच्छेद 32 के अंतगर्त व्यक्ति को यह मौलिक अधिकार वह अपने मौलिक आदिकार क लागु करने के लिए संविधान उपचार के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के पास जा सके।
- उच्च न्यायलय संवैधानिक उपचारों की याचिका की सुनवायी से मना कर सकता है।
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IGNOU
Very informative for me.
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