Class 10 Science Chapter 1 : रासायनिक अभिक्रिया और रासयनिक समीकरण ( Chemical Reaction and Equation)


  रासायनिक अभिक्रिया और रासयनिक समीकरण  



   Terms :


   
         1.  रासायनिक अभिक्रिया : वह प्रक्रिया जिसमे किसी भी तरह का रासायनिक परिवर्तन हो , रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है। 

  
                                                                






               2 . रासायनिक समीकरण : रासायनिक अभिक्रिया का  चिन्हो के माध्यम से संक्षिप्त विवरण 
             
                   उदहारण :    H₂  + O₂  →  H₂O 

                  समीकरण में तीर के निशान के उलटे हाथ पर जो भी तत्त्व है , अभिकारक कहलाते है और तीर के निशान के सीधे हाथ पर जो तत्त्व है उत्पादक कहलाते है।         

         
  

               
समीकरण






                     
   
           संतुलित रासायनिक समीकरण में अभिकारक और उत्पादक तत्वों की परमाणु संख्या सामान  होती है जबकि असंतुलित  समीकरण में ये संख्या सामान नहीं होती है। 


   उदहारण के तौर पर :   H₂  + O₂  →  H₂O   

           उपरोक्त समीकरण में परमाणु संख्या का वितरण 

       
           
Element L.H.S Atoms R.H.S Atoms
Hydrogen                        2                       2
Oxygen                        2                      1



उपरोक्त समीकरण में  ऑक्सीजन के बाए पक्ष और दाए पक्ष परमाणु की संख्या समान  नहीं है , इस प्रकार का समीकरण असंतुलित कहलाता है।  असंतुलित समीकरण कंकाली समीकरण भी कहा जाता है। 


   असंतुलित समीकरण को मान्य नहीं किया जाता है और समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है। पर क्यों ?

  क्यूंकि रसायन विज्ञानं के संरक्षण द्रव्यमान के नियम के अनुसार किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन होता है न ही विनाश।  रासायनिक अभिक्रिया से पहले और बाद में द्रव्यमान समान  होना चाहिए। अत:  समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है।  

समीकरण को संतुलित करना हम आगे सीखेंगे।  






      रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार :


            
 

   


            
         

         संयोजन अभिक्रिया :   इस अभिक्रिया में दो या अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते है।  

        उदहारण :      2 Mg + O₂  →  2 MgO
           
                             2 H₂  + O₂  →  2 H ₂O 


  संयोजन अभिक्रिया में उत्पादक निर्माण के साथ ऊष्मा का भी निर्माण होता है।  जिन अभिक्रिया में उत्पादक निर्माण के साथ ऊष्मा का निर्माण होता है उसे ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते है। 

 ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया के उदहारण : 
                         CH4 + O2 → CO2 + H2O + Heat ( combustion Reaction ) 
                         C6H12O6 + 6O2 → 6CO2 + 6H2O + Energy ( प्रकाश संश्लेषण अभिक्रिया ) 


  

     

 वियोजन अभिक्रिया  :  वह अभिक्रिया जिसमे एकल अभिकारक टूटकर एक से अधिक उत्पादक का निर्माण करता है। 

                                  इस अभिक्रिया में अभिकारक को तोड़ने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा और ऊष्मा की आवश्यकता पड़ती है।                                 इसलिए इस अभिक्रिया को ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते है। 

                  ऊष्माशोषी अभिक्रिया :  जिस अभिक्रिया में ऊष्मा का अवशोषण होता है।  

                            2FeSO₄(s)  →  Fe₂O₃(s) + SO₂(g) + SO₃(g)       

                            CaCO₃(s) → CaO(s) + CO₂(g)  
                    

       

      उपरोक्त उदहारण में अभिक्रिया में अतिरिक्त ऊर्जा के रूप में ऊष्मा का प्रयोग हुआ है।  ऊष्माशोषी अभिक्रिया में अतरिक्त ऊर्जा की प्राप्ति ऊष्मा , प्रकाश या विद्युत के रूप में होती है।   

     ऊष्मा के द्वारा की गई वियोजन अभिक्रिया को ऊष्मीय वियोजन कहते हैं। 





       विस्थापन अभिक्रिया : 

                            इस अभिक्रिया में अधिक अभिक्रियाशील तत्त्व अपने से कम अभिक्रियाशील तत्त्व को विस्थापित कर खुद उसका स्थान ले लेता है।  

                              Fe(s) + CuSO₄(aq) → FeSO₄(aq) + Cu(s)  

           इस अभिक्रिया में लोहा ( Fe ) कॉपर (Cu ) से अधिक अभिक्रियाशील है तो उसने कॉपर को विस्थापित कर खुद उसकी जगह ले ली है।  






    द्विविस्थापन अभिक्रिया :  वे अभिक्रियाएँ, जिनमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है, उन्हें द्विविस्थापन अभिक्रियाएँ कहते हैं।


                      Na₂SO(aq) + BaCl(aq) → BaSO₄(s) + 2NaCl(aq)
                        
                          
                इस अभिक्रिया में Ba²⁺ तथा (SO²⁻ ₄) का आदान प्रदान होता है।  इस अभिक्रिया में  BaSO₄(s) का निर्माण होता है , यह एक अवक्षेप है ( अवक्षेप एक सफ़ेद रंग का पदार्थ होता है जो जल में विलेय नहीं होता है। )

जिस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता है उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते है। 

  

 
रेडॉक्स अभिक्रिया  :  

                 रेडॉक्स अभिक्रिया को समझने के लिए दो शब्द उपचयन और अपचयन का अर्थ सीखना होगा।  

                 उपचयन :  ऑक्सीजन की वृद्धि 
                 अपचयन : ऑक्सीजन का ह्रास   

        अभिक्रिया के समय जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन  की वृद्धि  होती है तो कहते हैं कि उसका उपचयन हुआ है। तथा जब अभिक्रिया में किसी पदार्थ में ऑक्सीजन  का ह्रास होता है तो कहते हैं कि उसका अपचयन हुआ है।

             
                                  2Cu + O₂ → 2CuO ( उपचयन का उदहारण )  

          
          रेडॉक्स अभिक्रिया : वह अभिक्रिया जिसमे एक तत्व में उपचयन तथा अन्य तत्त्व में अपचयन हुआ हो , उसे रेडॉक्स अभिक्रिया कहते है। 

                                     CuO + H₂  → Cu + H₂O 

         उपरोक्त अभिक्रिया में  CuO में से ऑक्सीजन का ह्रास हुआ है अर्थात अपचयन हुआ है 

        तथा  H ₂ में ऑक्सीजन की वृद्धि हुई है अर्थात उपचयन हुआ है।  
    

  

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