अध्याय 1 . संविधान बनने की प्रक्रिया
- मोतीलाल नेहरू ने सर्वप्रथम 1928 में संविधान का मसौदा तैयार किया
- इस समिति में नेहरू जी के आलावा भी 8 सदस्य और थे
- 1931 में कांग्रेस का कराची अधिवेशन हुआ
- इस अधिवेशन आज़ाद भारत के लिए एक लिखित संविधान की आवश्यकता पर जोर दिया गया
- इस प्रस्ताव में सावभौमिक मताधिकार, स्वंतंत्रता , समानता के अधिकार और अल्पसंख्यकों के अधिकार जैसे बुनियादी और महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रस्ताव से बाहर कर दिया गया
भारतीय संविधान के मुख्य बिंदु :
- 26 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया
- दुनिया का सबसे लम्बा लिखित संविधान
- समय अंतराल : दिसंबर 1946 - नवंबर 1949
- संविधान सभा के कुल 11 सत्र हुए जिनमे 165 दिन बैठक हुई
संविधान सभा का गठन :
- सभा के सदस्यों का चुनाव सार्वभौमिक मताधिकार के आधार पर नहीं हुआ था
- 1945 - 46 में भारत के प्रांतो में चुनाव हुए थे
- प्रांतीय सांसदों ने संविधान सभा के सदस्यों को चुना था
- मुस्लिम लीग ने सभा का बहिस्कार किया था हालांकि चुनाव में लीग को आरक्षित सीटों पर जीत मिली थी
- आरंभ में समाजवादी में सभा से परे रहे क्यूंकि उनके अनुसार इस सभा का स्वायत होना लगभग असंभव था
- सभा में 82% सदस्य कांग्रेस के ही थे
- परन्तु सभी कांग्रेस के सदस्य भी मुद्दों पर एकमत नहीं थे। उनमे भी मतभेद थे परन्तु आज़ादी के आंदोलन के दौरान कांग्रेस के सदस्य असहमति को बात चित के जरिये सुलझाना सीख गए थे। कई कांग्रेसी समाजवादी से प्रेरित थे तो कुछ जमींदारों के हिमायती। कुछ साम्प्रदयिक दलों के करीब थे तो कुछ कट्टर धर्मनिरपेक्ष
- संविधान सभा की चर्चाये जनमत से भी काफी हद तक प्रभावित थी। सभा में होने वाली बहस व दलीले अखबारों में छपती थी और तमाम प्रस्तावों पर सामाजिक रूप से बहस चलती थी
- प्रेस में होने वाली आलोचना से भी किसी मुद्दे की सहमति व असहमति पर गहरा असर पड़ता था
- जनता के सुझावों को भी आमंत्रित किया गया था
मुख्य आवाजे :
- संविधान सभा में लगभग 300 सदस्य थे इनमे से 6 सदस्य प्रमुख थे जिनमे 3 कांग्रेसी और 3 गैर कांग्रेसी थे
- 3 कांग्रेसी सदस्य : जवाहर लाल नेहरू , वल्लभ भाई पटेल और राजेंद्र प्रसाद
- नेहरू जी ने उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया था साथ ही राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगो का होगा यह प्रस्ताव भी नेहरू जी का ही था
- पटेल जी परदे के पीछे से ही काम करते थे, इन्होने कई विरोधी विचारो पर सहमति बनवाने में भूमिका निभाई
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे
- B .R आंबेडकर सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। ब्रिटिश शासन में ये कांग्रेसी विरोधी थे परन्तु गाँधी जी की सलाह पर उन्हें केंद्रीय विधि मंत्री पद सँभालने का न्योता दिया गया था
- आंबेडकर जी के साथ दो वकील भी थे : 1 . गुजरात के K . K . मुंसी
२. मद्रास के अल्लादि कृष्णस्वामी अय्यर
- इन 6 सदस्यों की सहयता के लिए 2 प्रशासनिक अधिकारी भी थे
- 1) . B . N . Rao : संवैधानिक सलाहकार। ये अन्य राष्ट्रों की राजनैतिक व्यवस्था का अध्यन किया और कई चर्चा पत्र तैयार किये
2 ) S. N . मुखर्जी : मुख्या योजनाकार। जटिल प्रस्तावों को स्पस्ट वैधिक भाषा में व्यक्त करने में दक्षता हासिल थी